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सिमेज कॉलेज का ‘इन्डक्शन एवं ओरिएंटेशन कार्यकम | ‘अंतरराष्ट्रीय अभिवावक दिवस’ कार्यक्रम

सिमेज कॉलेज का ‘इन्डक्शन एवं ओरिएंटेशन कार्यकम | ‘अंतरराष्ट्रीय अभिवावक दिवस’ कार्यक्रम

‘या तो आपके पास दृढ इच्छा-शक्ति है या फिर कमज़ोर बहाने’

‘सफलता के लिए ज़रूरी है स्किल और विल |’ 

इन्डक्शन कार्यक्रम के दौरान प्रेरणादायक सत्र से उत्साहित हुए छात्र |

छात्रों ने अपने नृत्य – संगीत और नाटक से बांधा समां |

‘दुनिया में कोई भी काम करना हो तो आपके पास दो जो विकल्प हैं – या तो दृढ इच्छाशक्ति के साथ आगे बढे, या फिर कमज़ोर बहानों की आड़ में असफल हो जाएँ | दुनिया में जो भी लोग सफल हुए हैं, वे अपनी दृढ इच्छाशक्ति के बल पर विपरीत परिस्थितियों का सामना कर के सफल हुए हैं |’ सिमेज के निदेशक नीरज अग्रवाल ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए ये बातें कहीं | मौका था, सिमेज कॉलेज के द्वारा पटना के एस.के मेमोरियल हॉल मे ‘इन्डक्शन एवं ओरिएंटेशन कार्यकम  और ‘अंतरराष्ट्रीय अभिवावक दिवस’ कार्यक्रम का | जिसे श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया | इसमें कॉलेज के सभी छात्रों के साथ उनके माता-पिता भी बड़े ही उल्लास के साथ सम्मिलित हुए | इन्डक्शन कार्यक्रम में छात्रों को उत्साहित करते हुए सिमेज के निदेशक नीरज अग्रवाल ने कहा ‘हमारे जीवन में कॉलेज के दौरान बिताये गए समय का काफी महत्वपूर्ण स्थान होता है और कॉलेज के दिनों ने छात्रों को स्वच्छंद होने के बजाये और ज्यादा अनुशाषित होने की जरुरत होती है | क्योंकि छात्रों की ज़िन्दगी में आने वाले अगले तीन साल, भविष्य के लिए बुनियाद का कार्य करेंगे | उन्होंने कहा कि छात्रों को लक्ष्य के प्रति ‘डेडिकेटेड’ (समर्पित) होने की ज़रूरत है | उन्होंने सिमेज के मूल मंत्र ‘नॉलेज, स्किल और सक्सेस’ का जिक्र करते हुए कहा कि ‘सिमेज का लक्ष्य छात्रों को बेहतर एजुकेशन देने के साथ साथ, उसमे दक्षता भी विकसित करना है, वही उन्हें ‘सफल’ बनाना भी है |

इसके पूर्व कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए सिमेज के चेयरमैन बसंत अग्रवाल ने कहा कि ‘शिक्षा ही वह साधन है जो हमें लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करता है | छात्र सही मायने मे तभी सफल होंगे, जब वे एक बेहतर इंसान, जिम्मेदार नागरिक बने एवं अपने माता पिता की लायक संतान बने’ | उन्होंने कहा कि सिमेज कॉलेज मे छात्रों को ह्युमन वैल्यू एवं भारतीय मूल्यों से जोड़े रखा जाता है| उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में माता-पिता का स्थान कोई नहीं ले सकता | उन्होंने छात्रों को, माता-पिता के प्रति उनकी ज़िम्मेवारियों के प्रति सचेत किया एवं उनके कर्तव्यो का बोध दिलाया |

उन्होंने पेरेंट्स डे के आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ‘छोटे बच्चे स्कुल के दिनों मे माँ-बाप से नज़दीक होते है, लेकिन जैसे जैसे वे बड़े होते हैं, उनकी दुनियाँ बड़ी होती है, वैसे-वैसे वे उनसे दूर होते जाते हैं | जरुरत इस बात कि है इस उम्र के इस दौर मे छात्रों को इस बात का एहसास कराया जाये कि माँ-बाप अपने बच्चों के लिए कितना कुछ करते हैं | ये उम्र अपने  माँ-बाप से दूर जाने की नहीं है बल्कि उनके और नज़दीक आने की है | इसके पश्चात् सिमेज के अकेडमिक हेड डॉ. (प्रो.) अखिलेश्वर प्रसाद ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘छात्रों को अपने लक्ष्य से दिग्भ्रमित नहीं होना चाहिए, अगर छात्र अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित भाव से कार्यरत रहते हैं, तो जिस सपने के साथ वे कॉलेज में पढाई करने आये हैं, वो निश्चय ही पूरा होगा |’

इस कार्यक्रम मे छात्रों द्वारा कई रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए | इस अवसर पर छात्रों द्वारा कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक समूह गीत ‘जन गण मन के नायक, कलाम’ का गान किया | इसके पश्चात्, छात्रों ने कलाम के जीवन वृत पर आधारित नाटक ‘कलाम – तुझे सलाम’ का मंचन किया | कलाम के जीवन की महत्वपूर्ण और प्रेरक घटनाओं पर आधारित इस नाटक को छात्रों ने अपने अभिनय से पात्रों को जीवंत कर, दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरी |

इसके बाद दिव्या एवं अर्चना ने अपने शाश्त्रीय नृत्य के प्रदर्शन से लोगों का मन मोह लिया | इसके बाद वर्णिका सिंह एवं ग्रुप ने ‘छोटी सी नन्ही सी आई कोई परी..’ पर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का दिल जीत लिया | कार्यक्रम की अगली प्रस्तुति ‘तुझे सब है पता, है न माँ..’ पर भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत कर प्रिंस चार्ली ने लोगों को भावुक कर दिया | अगले चरण में ‘वन्दे मातरम’ गीत पर जीवंत प्रस्तुति देकर, पुरुषोत्तम एवं ग्रुप ने लोगों को झुमने पर मजबूर कर दिया | अगले चरण में ‘महिला शशक्तिकरण’ पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत कर अम्बे सिंह एवं ग्रुप ने खूब तालियाँ बटोरी | वहीँ राहुल रंजन एवं निरंजन राज ने भी अपने जोरदार डांस से लोगों का जबरदस्त मनोरंजन किया और उनकी जबरदस्त तालियाँ बटोरी |

वहीँ सूरज एवं ग्रुप ने ‘ये तो सच है कि भगवान है..’ सुरीले स्वर में समूह गान गाकर लोगों का मन मोह लिया | जबकि सूरज ने ‘माँ-बाप को जो ठुकराएगा, दर-दर की ठोकरें खायेगा’ गीत के माध्यम से संतानों को उनके माता-पिता के प्रति कर्तव्य की यद् दिलाई |  जबकि स्नेहा में ‘मधुर स्वर में ‘पापा हैं न..’ गीत के माध्यम से एक बच्चे को पालने के दौरान पिता द्वारा किये गए त्याग, बलिदान और साहस का ज़िक्र किया | वहीँ पूजा कुमारी ने ‘तू कितनी अच्छी है, कितनी प्यारी है..’ गीत के माध्यम से माँ के लाड़, प्यार और स्नेह का ज़िक्र किया | और इसके बाद सोनल एवं ग्रुप ने ‘लुका छिपी, बहुत हुई’ गीत को सुरीले कंठ से गा कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया |

इस अवसर पर सिमेज कॉलेज की मैनेजमेंट (ब्रिज) कोरस की छात्रा ऋतू राज एवं अनुराग कुमार ने कॉलेज में बिताये गए अपने अनुभवों को साझा किया तथा माता-पिता के प्रति अपनी भावनाये इंग्लिश स्पीच के माध्यम से प्रकट की |

इसके पूर्व कार्यकम की शुरुआत करते हुए सिमेज के डीन नीरज पोद्दार में नए छात्रों का कॉलेज में स्वागत किया एवं उन्हें कॉलेज की परंपरा एवं उपलब्धियों से परिचित कराया एवं मंच सञ्चालन किया | कार्यक्रम के अंत में सिमेज की सेंटर हेड मेघा अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया | इस अवसर कॉलेज के सभी शिक्षक एवं कर्मचारी भी मौजूद थे |

धन्यवाद सहित |

नीरज अग्रवाल

निदेशक,

सिमेज कॉलेज,

पटना |