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‘सिमेज के छात्रों ने ए.पी.जे.अब्दुल कलाम को दी अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि’ | छात्रों ने साझा किये सिमेज में कलाम के साथ बिताये अपने पलों के संस्मरण

‘सिमेज के छात्रों ने ए.पी.जे.अब्दुल कलाम को दी अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि’ | छात्रों ने साझा किये सिमेज में कलाम के साथ बिताये अपने पलों के संस्मरण

सिमेज कॉलेज में पूर्व राष्ट्रपति श्री ए.पी.जे.अब्दुल कलाम के निधन पर एक शोक सभा का आयोजन किया गया | इस अवसर पर डा. कलाम की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी | इस अवसर पर कॉलेज में छात्रों के मध्य ‘आई. एम. कलाम’ फिल्म का प्रदर्शन किया गया  तथा गुलज़ार के स्वर में कलाम की ऑटोबायोग्राफी को भी छात्रों को सुनाया गया |

शोक सभा में डॉ. कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सिमेज के निदेशक नीरज अग्रवाल ने कहा कि  ‘डॉ० कलाम हमेशा अमर रहेंगे | वे करोडों लोगों के जीवन में प्रेरणास्त्रोत के रूप में जिएंगे और कभी न हारने वाली उम्मीद बन जिएंगे | वे समृद्ध – शक्तिशाली भारत के सपनो में जिएंगे, वे बच्चों की आँखों की चमक में जिएंगे  | उन्होंने कहा की डॉ० कलाम, सरलता, निःस्वार्थ सेवा भाव, और उद्देश्य के प्रति जबरदस्त समर्पण भाव के अतुलनीय उदाहरण थे । बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ० कलाम ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया और आखिरी लम्हे तक वो राष्ट्र निर्माण के मिशन में जुटे रहे । उन्होंने कहा की ‘मेरे जीवन में डॉ० कलाम का हमेशा एक विशेष स्थान रहेगा । उन्होंने मुझे प्रोत्साहन दिया, प्रेरणा दी, एक विज़न दिया और सबसे बढ़ कर एक “पर्पस ऑफ़ लाइफ” दिया । उन्होंने हमारे संस्थान में आकर हमारा मान बढ़ाया, छात्रो का उत्साहवर्धन किया | ये सब एक सपने जैसा ही है । मैंने उन्हें सिमेज की शिक्षण पद्धति में अपनाये गये नवाचारी प्रयोगों से अवगत कराया । उन्होंने बड़े विस्तार से सब सुना, प्रश्न पूछे । एक बार भी अहसास नहीं हुआ की सामने इतना बड़ा महामानव बैठा है । उन्होंने मुझे प्रेरणा दी, एक ऐसे विद्यालय की जहाँ पढाई क्लासरूम के दायरों से न बंधी हो, जहाँ ज्ञान सिलेबस और इम्तेहान की सीमाओ में न सिमटा हो, जहाँ छात्र सामाजिक और आर्थिक बंधनो से मुक्त हो, सम हो, जहाँ हर क्षण सृजन हो, उत्सव हो, योगदान हो और अदम्य सकारत्मक ऊर्जा हो ।’ उन्होंने छात्रों को संबोधित करते कहा कि ‘उन्हें सबसे बड़ी श्रद्धांजलि यह होगी कि हम बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करें तथा देश को और आत्मनिर्भर और शक्तिशाली बनायें |’

उन्होंने कलाम के सिमेज विजिट के दौरान छात्रों को कहे गए शब्दों का जिक्र करते हुए कहा कि कलाम ने कहा था कि ‘किताबें मनुष्यों की सबसे अच्छी दोस्त हैं क्योंकि इसके माध्यम से हमें ज्ञान प्राप्त होता है |’ उन्होंने कहा था कि ‘ज्ञान हमें रचनात्मक बनता हैं, रचनात्मकता हमें विचारशील बनाती है, विचारशील होना हमारे ज्ञान को ज्ञान को बढाता है और ज्ञान हमें महान बनता है |’

इस अवसर पर सिमेज की सेंटर हेड मेघा अग्रवाल, डीन नीरज पोद्दार, एकेडमिक हेड डॉ. (प्रो.) अखिलेश्वर प्रसाद, सभी शिक्षकों तथा सभी छात्रों ने भी डॉ. कलाम की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किये | तत्पश्चात दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी |